सारठ : कृषि मंत्री ने अपने ही कार्यकर्ता को किया सम्मेलन से बाहर, जानें क्यों ?

झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें कृषि मंत्री अपने कार्यकर्ता को सभा से बाहर जाने कह रहे है। इस वीडियो पर विरोधी भी खूब चुटकी ले रहे हैं। जानकारी के मुताबिक नौ जनवरी को सारठ के सुखजौरा मैदान में कृषि मंत्री के द्वारा कार्यकर्ता…

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झारखंड में महागठबंधन का फार्मुला लगभग तैयार, दिसंबर अंत तक हो सकती है सीट शेयरिंग की घोषणा

लोकसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष रह गए हैं। झारखंड में महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा भी अब अंतिम चरण में है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो झारखंड में कांग्रेस छह सीटों पर,चार सीटों पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, दो सीट पर झारखण्ड विकास मोर्चा और एक एक सीट पर वाम दल और…

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गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत को मिला लोकमत पुरस्कार

गोड्डा लोकसभा के सांसद डॉ. निशिकांत दूबे को गुरुवार शाम को दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में भारतीय गणराज्य के राष्ट्रीय उपाराष्ट्रीय एम. वैंकेया नायडू ने श्रेष्ठ सांसद (लोकमत) से सम्मानित किया। लोकमत पुरस्कार समारोह में उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं लोकमत पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं। मुझे आशा है कि भारतीय लोकतंत्र के…

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रांची विश्वविद्यालय में लहराया भगवा

भले ही पांचो राज्यों के विधानसभा चुनाव में भगवा फीका पड़ गया हो लेकिन रांची विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में भगवा सिर चढ़कर लहरा रहा है। बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने विश्वविद्यालय के पांचो पदों पर अप्रत्याशित जीत हासिल कर ली है। जीत के बाद सभी प्रत्याशियों को शाम पांच बजे बेसिक…

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वामपंथ के लिये भस्मासुर है – महिषासुर (आलेख – 5)

आलेख – 5 – बौद्धिक लफ्फाजियों वाला वामपंथ तथा मूल कथा वामपंथ के लिये महिषासुर क्यों भस्मासुर सिद्ध होगा इसे समझने के लिये फॉरवर्ड प्रेस की गढी हुई विवादित कहानी पर और उसके दावों की उपलब्ध ग्रंथ दुर्गा सप्तसती के प्रकाश में विवेचना करते हैं। सप्तसती मे दुर्गा-महिषासुर कथा का प्रारभ होता है जब महिषासुर…

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वामपंथ के लिये भस्मासुर है – महिषासुर (आलेख 4)

सुना है बडे पढे लिक्खे होते हैं वामपंथी। वे प्रगतिशीलता की ढाल के साथ देवी दुर्गा को वेश्या कहते हैं और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ध्वज फडर-फडर करता रहता है। हमने कब उनसे सवाल किया कि जहर के पीछे का साँप कौन है? फॉरवर्ड प्रेस पत्रिका तथा इसी प्रेस से प्रकाशित महिषासुर पर केंद्रित…

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वामपंथ के लिये भस्मासुर है – महिषासुर (आलेख 3)

आलेख  – 3  – देवी दुर्गा को वेश्या कहने के दुस्साहसी वामपंथी  महिषासुर अभियान में जो दस्तावेजीकरण फॉर्वर्ड प्रेस के प्रमोद रंजन द्वारा पत्रिका और पुस्तकों के रूप में किया गया है इसमें ईसाई लेखकों की भरमार क्या धर्मांतरण अभियान के साजिशों की कडी का हिस्सा है?  फॉरवर्ड प्रेस पत्रिका के इसाई सम्पादकों –  डॉ….

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वामपंथ के लिये भस्मासुर है – महिषासुर (आलेख दो)

आलेख  – 2  – फॉर्वर्ड लिख कर ही कोई प्रेस फॉर्वर्ड नहीं हो जाता!! किसी भी कथ्य को समझने से पहले उसे पढ़ना और गहराई से समझने के लिये बार बार पढना आवश्यक है। निश्चित ही बिटवीन द लाईंस पढा जाना चाहिये और अनेक अर्थ निकालने चाहिये क्योंकि जिन दिनों की रचनाओं पर आज बात…

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वामपंथ के लिये भस्मासुर है –  महिषासुर

  आलेख  – 1  – हिंदू धर्म की नाभी और वामपंथ के वाण?  पंचतंत्र की रंगा सियार कहानी को लाल श्रेणी के तर्कशास्त्रियों के दृष्टिकोण से देखें तो कई ज्वलंत सवाल खुजा-खुजा कर पैदा किये जा सकते हैं।  उदाहरण के लिये पंचतंत्र की कहानी विष्णु शर्मा द्वारा कही गयी अत: यह ब्राम्हणवाद का सजीव उदाहरण…

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भारतीय संस्कृति का प्रदूषणरहित परिवहन बैलगाड़ी

डीजल – पेट्रोल के आसमान चढ़ते दाम और प्रदूषण से युक्त वातावरण में आज भले ही मानव की रफ्तार बिजली के करंट जैसी हो गई हो लेकिन कभी भारतीय परिवहन की रीढ़ बैलगाड़ी हुआ करता था, जो बिल्कुल प्रदूषणरहित है। बैलगाड़ी यानी एक ऐसी गाड़ी  जिसमें आत्मीय संवाद हो, प्रेम हो, प्रकृति और मनुष्य के…

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