सारठ : युवा हौसला के सामने बारिश भी पस्त, मुंशी प्रेमचंद पुस्तकालय का हुआ उदघाटन

सारठ।   “है कौन विघ्न ऐसा जग में, जो टिक वीर के नर के मग में ?

खम ठोंक चलता जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़।

 मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर भी पानी बन जाता है।।”

राष्ट्रकवि दिनकर की यह उक्ति आज सारठ के युवाओं पर सटीक बैठ रही है। एक तरफ आज की अधिकांश युवा पीढ़ी जहां सोशल मीडिया और अपने दोस्तों के साथ पार्टी या निजी करियर में व्यस्त रहता है, वहीं देवघर जिले के सारठ प्रखंड में रहने वाले युवाओं की टोली ने शनिवार को ऐसा कुछ कर दिखाया है जो अनुकरणीय है। दरअसल शुक्रवार की रात से ही देवघर में मूसलाधार बारिश हो रही थी, लोगों का घर से निकलना मुहाल था। लग रहा था महीनों का मेहनत पर आज पानी फिर जायेगा लेकिन युवा तरूणाई के सामने आजतक कहां कोई मुसीबत टिक सका है भला!

मामला देवघर जिले के सारठ का हैं जहां युवाओं की टोली के द्वारा पिछले डेढ़ महीने से पुस्तकालय खोलने के लिए प्रयासरत थे और उदघाटन का निर्धारित तिथि 14 मार्च था लेकिन उक्त तिथि को ही मुसलाधार बारिश होने लगा। बारिश का परवाह किये बगैर युवा शक्ति अपने कर्तव्य पर अडिग रहा, फलस्वरूप सारठ के इतिहास में पहली बार पुस्तकालय का सपना साकार हुआ। पुस्तकालय का नाम सुप्रसिद्ध उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद पर रखा गया है। पुस्तकालय के संस्थापक रंजन गुप्ता ने कहा कि यह मुंशी प्रेमचंद ग्रामीण पुस्तकालय का तीसरा ब्रांच है ।  19 दिसंबर 2010 में पुस्तकालय सबसे पहले पुस्तकालय की पहली शाखा की शुरूआत सारंवां में हुई उसके बाद 5 मार्च 2018 को दूसरे शाखा और आज सारठ में तीसरे शाखा की शुरूआत की जा रही है।

गौरतलब है कि सारठ के विद्यार्थी लंबे अरसे से पुस्तकालय के लिए प्रतीक्षारत थे उनकी आवश्यकता पर किसी ने गौर नहीं किया। अंत में युवाओं की टोली ने इसका बीड़ा उठाया, अऩेकों परेशानियां आई लेकिन ये लोग डटे रहे। इनलोगों के हौसलों को देखकर समाज का दिल भी आखिरकार पसीज ही गया और क्राउड फंडिग के जरिये कुछ धनराशि इक्ट्ठा किया एवं शनिवार को पुस्तकालय का मुर्त रूप दिया। आमतौर पर देखा जाता है कि किसी भी आयोजन  या कार्यक्रम का उदघाटन नेता, समाजसेवी या धना सेठ करते हैं लेकिन  मुंशी प्रेमचंद ग्रामीण पुस्तकालय का उद्घाटन समारोह का नजार बिल्कुल अलग था। शिक्षा के साथ – साथ देशभक्ति का अलख कैसे जगाया जाता है, सारठ के युवाओँ से सीखना चाहिए। उदघाटन समारोह का मुख्य अतिथि परंपरागत तरीके से अलग हटकर  अमर शहीद गणेश पांडे की धर्मपत्नी श्रीमती पांडेय को बनाया गया था।

कार्यक्रम का उदघाटन श्रीमति पांडेय, सारठ के पूर्व विधायक चुन्ना सिंह, प्रखंड विकास पदाधिकारी साकेत सिन्हा एवं अन्य अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पुस्तकालय के सूत्रधार नीतेश झा ने बताया कि जन सहयोग से इस पुस्तकालय को खोला जा रहा है, जिसमें गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए हर प्रकार के संसाधन होंगे। माहौल को सकारात्मक रखा जाएगा जिसमें छात्र एवं छात्राएं दोनों पुस्तकालय में पढ़ाई कर सकेंगे। उदघाटन के मौके पर रंजन गुप्ता, नीतेश झा, पवन कुमार सिन्हा, पुस्तकालय समिति अध्यक्ष शिव शंकर झा, सचिव फरीद शेख, कोषाध्यक्ष नितेश झा, विशाल विक्टर, सबा खान, मोहन राय,  भवेश भूषण, संतोष तिवारी, सिद्धार्थ तिवारी, शेखर राय, संजीव सिंह, छोटू सिंह, लक्ष्मण पांडेय समेत भारी मात्रा में छात्र  युवा समिति के सदस्य, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि मौजूद थे।