रांची। केन्द्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के लुप्तप्राय भाषा केन्द्र के द्वारा आयोजित तीन दिवसीय बिरसा मुंडा भाषा एवं संस्कृति महोत्सव गुरुवार को सम्पन्न हो गया । मौके पर महोत्सव के मुख्य अतिथि पद्मश्री सिमोन उराँव ने कहा कि शिक्षा को अपने परिवार तक ही सीमित न रखें, बल्कि शिक्षा को समाज व राष्ट्र की ऊंचाई तक पहुंचाना चाहिए। बता दें कि तीन दिवसीय महोत्सव के आखिरी दिन में कार्यक्रम की शुरूआत एक डाक्यूमेंट्री फिल्म के साथ हुई। समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री सिमोन उराँव (वाटर मैन ऑफ झारखंड),साथ ही बिज्जू टोप्पो ,मेघनाथ (फ़िल्म निर्देक) एवं रूपेश साहू(फ़िल्म संपादक) उपस्थित थे ।आदिवासी कला ,जीवनि, भाषा एवं संस्कृति से जुड़े विषयों पर फिल्मों की स्क्रीइंग हुई। कार्यक्रम में झरिया, मुंडारी सृष्टि कथा, देवी दुर्गा, अबुआ पइका काबु बगेया, मुरमा मेला जैसे फिल्मों को दिखाया गया। साथ ही उराँव डांस, खड़िया डांस, हो डांस जैसे कलाओं का प्रदर्शन किया गया।
डॉक्यूमेंटकरी ‘झरिया’ सीमोन उरांव के उपलब्धियों पर आधारित है जो दर्शाती है कि किस प्रकार उन्होंने बेड़ो प्रखंड में अपनी मेहनत से कैनाल बनाकर पानी की समस्या से गांव के लोगों को राहत दिलाई। इसी प्रकार कुल 6 डॉक्यूमेंटरी दिखाई गई, इनमे से एक केंद्रीय विवि के छात्रों द्वारा झारखंड के प्रसिद्व मुड़मा मेला पर आधारित थी। डाक्यूमेंट्री स्क्रीइंग के बाद विद्यार्थियों द्वारा उनके निर्देशन की जानकारियां ली गई । वहीं शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम में बाहर से आए कलाकारों द्वारा उरांव, खरिया,मुंडा जाति नृत्य प्रस्तुत किये गये । कार्यक्रम में सीयू के कुलपति, कुलसचिव, सेल के समन्वयक, फिल्म निदेशक मेघनाथ, फि०नि० बिजू टोप्पो, एवं मुख्य अतिथि प्रोफेसर के.के.नाग ,पूर्व कुलपति,रांची यूनिवर्सिटी , फि०नि० निरंजन कुजूर, फि०नि० स्नेह मुंडारी फि०नि० अनुपम पुर्ती, स०प्रा० गुंजल, स०प्रा० जोया, रमेश, अमिनेश, अरूण, अभिषेक, प्रताप, शिल्पा, रिषिका आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।