युवाओं पर केंद्रित है “नजरिया – एक युवा सोच” उपन्यास….

“नजरिया- एक युवा सोच” एक ऐसी उपन्यास है जिसमें युवाओं को परिवर्तन का वाहक बताया गया है या यूं कहें तो पूरे उपन्यास को ही युवाओं को केन्द्र में रखकर लिखा गया है। लेखक अंकित कुंवर ने युवाओं की रूचि, चिंतन, रोजमर्रा की संघर्ष, वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को बहुत ही सरल एवं सहज शब्दों में उकेरने का काम किया है। लेखक ने व्यंग्यात्मक लहजे में देश की राजनीतिक हालात पर जोरदार चोट मारी है। उपन्यास में देश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और युवाओं की सोच, सामाजिक विसंगति इत्यादि को सहज रूप से रेखांकित किया गया है। पुस्तक को कुल चार खंडों में विभाजित कर लिखा गया है ताकि पाठकों की रोचकता बनी रहे। आपको बता दें कि इस पुस्तक को पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व उप-प्रधानमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु के द्वारा सराहा जा चुका है। लेखक को कुछ दिन पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के द्वारा प्रशंसा पत्र भी मिला है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने लेखक की सोच को काफी सराहा है।

कुल चार खंडों में विभक्त इस उपन्यास के पहले खंड में विश्व में हिंदी की दशा और दिशा के बारे में बताते हुए लिखा गया है कि हिन्दी अब ऐसी भाषा नहीं रही कि किसी देश में उसे गंभीरता से न लें। इसी खंड में जहां सप्तक के सिद्ध कवि के बारे में युवा पीढ़ी को बताने का प्रयास किया गया है, वहीं जम्मू-कश्मीर की अनूठी संस्कृति, विदेश नीति इत्यादि को रेखांकित किया गया है। वहीं दूसरे खंड में राजनीति में हो रहे बदलाव, संविधान के अनुच्छेद ३५-ए, कामयाबी के शिखर पर मोदी लहर, दलित समुदाय और संसद की गरिमा को दर्शाया गया है। जबकि तीसरी खंड में देश के समक्ष विभिन्न चुनौतियों एवं मुद्दों के बारे में बताया गया है। चौथे एवं अंतिम खंड में  अपने व्यंग्य लेखों के माध्यम से संग्रह में गंभीरता को हल्का करने का प्रयास किया गया और सामाजिक मुद्दों को हलके-फुलके ढंग से पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक को आप घर बैठे अमेजन के द्वारा ऑर्डर कर ऑनलाइन मंगा सकते हैं।

“नजरिया एक युवा सोच” लेखक अंकित कुंवर की पहली उपन्यास है, जिसे गुटेनबर्ग इंडिया के द्वारा प्रकाशित की गई। लेखक मूल रूप से बिहार के के रहने वाले हैं। युवा हैं एवं हाल ही में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि ली है। समसामयिक विषयों पर उनका विशेष लेखन है।

 

प्रकाशक: गुटेनबर्ग इंडिया 

पुस्तक  : नज़रिया-एक युवा सोच 

लेखक  : अंकित कुंवर 

मूल्य : 140 रूपये 

पेज : 102

 

 

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