चाईबासा। कोरोना के कहर ने लाखों परिवारों का कमर तोड़ दिया। बेबस, मजबूर, लाचार, अंतहीन संघर्ष करने वाले मजदूर सुकून की चाह में पैदल ही घर को चल दिये हैं। पैरों में छाले हैं, आंखों में आंसू है, पेट और पीठ बराबर हो गया है लेकिन दिल में एक सुकून है अपना घर पहुंच गया, अपनी माटी की खुशबू के सहारे जिंदा रह जायेगा। हांलाकि सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई है लोग आ भी रहे हैं। इसी बीच एक ऐसा घटना आया जो अचानक सुर्खियों में है। दरअसल हैदराबाद में काम करने वाले चाईबासा के एक युवक ने लव मैरेज किया, लव मैरिज के बाद दोनों साथ में रहने लगा तभी अचानक लॉकडाउन हो गया। लॉकडाउन होने के कारण काम – धंधा बंद हो गया, आखिर करे तो क्या करे बेचारे अपने प्रेमिका (अब पत्नी) को लेकर पैदल ही हैदराबाद से चाईबास के लिए चल दिये, करीब नौ दिन के सफर के बाद अपने गांव पहुंचे।
दैनिक भास्कर के एक खबर के मुताबिक चाईबासा के तांतनगर प्रखंड के टिरूंगवासा गांव के रहने वाला युवक एक साल पहले मजदूरी करने के लिए हैदराबाद गया था। हैदराबाद में ही एक कंट्रक्शन कंपनी में काम करता था, फोन में बातचीत के दौरान एक रांग नंबर से पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी की रहने वाली लड़की से बातों – बातों में पहचान हो गई और पहचान प्रेम में बदल गया फिर जनवरी 2020 में दोनों ने शादी कर ली। उसके बाद दोनों साथ में रहने लगे इसी बीच लॉकडाउन हो गया और कंपनी का काम बंद हो गया। काम बंद होने के बाद कोई उपाय न देख भूखे – प्यासे तड़पते हुए हैदराबाद से करीब 1388 किलोमीटर की दूरी तय तक तांतनगर पहुंचा फिर वहां से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा। अखबार में छपे खबर के मुताबिक लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद जो कुछ जमापूंजी था खत्म हो गया, जेब में सिर्फ एक हजार बचे थे जिस कारण पैदल ही उन्हें निकलना पड़ा। साथ में उनके झारखंड के और 50 मजदूर थे जो झारखंड बार्डर के बाद अन्य हिस्सों में बंट गये। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ दूरी के लिए एक ट्रक का भी सहारा लिया।