अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निजी गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक चिकित्सा महाविद्यालयों में भी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को लागू किये जाने के निर्णय का स्वागत करती है। अभाविप भी पीठ की तरह यह मानता है कि NEET लागू किया जाना योग्यता की पहचान, चयन और छात्रों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है तथा इससे सबको समान अवसर मिलने के साथ ही निजी महाविद्यालयों में प्रवेश की प्रणाली में व्यापत भ्रष्टाचार को समाप्त करना भी संभव हो सकता है।
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “अभाविप लंबे समय से यह मांग करता रहा है कि सभी चिकित्सकीय महाविद्यालयों में प्रवेश NEET के द्वारा ही लिया जाए। यह सामाजिक समानता के लिये लड़ने वालों छात्रों की यह बड़ी जीत हैं । हम निजी गैर सहायता प्राप्त अलपसंख्यक महाविद्यालयों में इसे लागू किये जाने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं।”
मेडिविजन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि, “सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से सभी छात्रों को एक समान अवसर प्राप्त होगा तथा प्रतिभाशाली छात्रों के लिए नए अवसर उत्पन्न होंगे। यह निर्णय आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के हितों को मजबूत करने वाला है।”
गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के फेसबुक पेज के माध्यम से लाइव होकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शैक्षणिक संस्थानों को अकादमिक गतिविधियां जारी रखने जो दिशा-निर्देश जारी की है, उसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। विश्वविद्यालयों को यह आवश्यकता है कि क्षेत्र विशेष की जो भी परिस्थितियां हों उसके अनुसार निर्णय लेते हुए छात्रों के हितों का ध्यान रखें। अभाविप छात्रों से निरन्तर संवाद कर रही है, जिससे छात्रों की समस्याओं को भी संबोधित किया जा सके। छात्रों की जो भी समस्याएं आ रही हैं उसको लगातार हम प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं जिससे उनका समुचित समाधान हो सके।