रांची(28 मार्च, दे.स.)। राज्य में लॉकडाउन के बाद उत्पन्न परिस्थितियों की मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय में उच्चस्तरीय समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि अभी राज्य में आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता है। चीनी, मसाला, गेहूं, चावल, नमक आदि महीनों चलेंगे। खाद्य तेल, दाल आदि भी अभी पर्याप्त हैं, लेकिन इनकी लगातार उपलब्धता बनाए रखने के लिए अभी से प्रयास करने के निर्देश दिए गए। आटा मिलों को गेहूं लगातार उपलब्ध होता रहेगा। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने आश्वस्त किया है कि जितनी गेहूं, चावल की जरूरत होगी, वह उसकी आपूर्ति करेगा। मुख्य सचिव ने एलपीजी और साबुन की उपलब्धता भी बनाए रखने पर बल दिया। साथ ही कालाबाजारी और सामान का ज्यादा मूल्य लेने पर अंकुश लगाने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड को लगातार एक्शन में रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गांवों के गरीबों तक खाना पहुंचाने की व्यवस्था स्वंय सहायता ग्रुप से कराई जा रही है। वहीं शहरी क्षेत्रों में 342 खिचड़ी केंद्र सहित पर्याप्त संख्या में दाल-भात केंद्र सुचारू हैं। मुख्य सचिव ने सभी शहरी स्लम क्षेत्रों तक पैकेटबंद खाना पहुंचाने की जरूरत बताते हुए राज्य के उन सभी कारखानों की कैंटीन का उपयोग करने का निर्देश दिया, जो फिलहाल लॉकडाउन के कारण बंद हैं।
आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रकों को गंतव्य तक जाने की होगी अनुमति
मुख्य सचिव ने राज्य के कोने-कोने तक आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि आवश्यक वस्तुओं से लदे जो भी ट्रक सड़कों पर जहां-तहां खड़े हैं, उन्हें गंतव्य तक जाने की अनुमति दें। उन्होंने बाहर से आनेवाले आवश्यक सामान की उपलब्धता बनाए रखने के लिए सी एन एफ एजेंटों से बात कर उनके सामान मंगवाने की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया। वहीं सप्लाई चेन से जुड़े लोगों के आवागमन में व्यवधान नहीं हो, इसके लिए उन्हें पास देने का निर्देश दिया गया। मजदूरों की कमी की समस्या को भी दूर करने के लिए निर्देश दिए गए। ज्यादा से ज्यादा मशीन के उपयोग की भी बात कही गई।
वैकल्पिक पशु चारा के उपयोग का निर्देश
समीक्षा में यह पाया गया कि पशु चारा की कमी हो सकती है। इसके लिए वैकल्पिक पशु चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया। 90 प्रतिशत चारा बिहार से आता है, वहां से सप्लाई बनी रहे इसपर भी काम करने का निर्देश दिया गया। बताया गया कि राज्य में फिलवक्त सवा लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है, लेकिन खपत घटकर 35 हजार लीटर हो गई है। पशुपालकों द्वारा उत्पादित दूध की खपत कम होने से उत्पन्न स्थिति पर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि ज्यादा से ज्यादा दूध को घी, पनीर और सूखा दूध में परिवर्तित करने के उपायों पर अमल करें।
बाहर के प्रदेशों में फसे झारखंड वासियों के लगातार संपर्क में है प्रशासन
मुख्य सचिव ने कहा कि बाहर के प्रदेशों में फसे झारखंड वासियों के लगातार संपर्क में प्रशासन है। उन्हें स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर खाने-पीने और रहने की व्यवस्था करायी जा रही है। वहीं उन्होंने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भी झारखंड में फसे बाहर के प्रदेशों के लोगों की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखें। बताया गया कि गुजरात के 74 स्थानों पर तीन हजार से ज्यादा झारखंड के लोग हैं। वहीं केरल के 145 स्थानों पर 2944 लोग तथा आंध्र प्रदेश के 32 स्थानों पर 532 लोग हैं। उसी तरह तमिलनाडु में 2250 लोग हैं। उनमें से 600 लोग वेल्लोर में परिजनों के इलाज के लिए जाने के दौरान वहां रुके हैं। पश्चिम बंगाल में 28 स्थानों पर 550 लोग, मध्यप्रदेश में 138 लोग, छत्तीसगढ़ में 300 स्थानों पर 1500 लोग, दिल्ली में लगभग 1500, महाराष्ट्र में 740 लोग, पंजाब में 74 स्थानों पर 479 लोग सहित उत्तर प्रदेश में हजारों झारखंडवासी हैं।
सभी हेल्थ वर्करों की करायी जाएगी जांच
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के सभी हेल्थ वर्करों की जांच करायी जाएगी। उनके साथ मेडिकल सेवा से जुड़े स्वीपर से लेकर अन्य मेडिकल कार्यों से जुड़े लोगों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। बताया गया कि राज्य में अभी 84 हजार लोग क्वारन्टाइन हैं। उनपर सतत निगरानी रखी जा रही है। सरकार ने 380 नये वेंटिलेटर के लिए आर्डर दे रखा है। जल्द ही ये राज्य के विभिन्न अस्पतालों में लगा दिए जाएंगे। वहीं कोरोना वायरस के सैंपल जांच के लिए तीन दिनों में आठ नई मशीनें काम करने लगेंगी।
मोबाइल एटीएम से दें पैसे निकासी की सुविधा
लोगों को अपने पैसे की निकासी के लिए घर से बाहर नहीं निकलना पड़े, इसके लिए मुख्य सचिव ने मोबाइल एटीएम वैन की सुविधा देने की जरूरत बताई। बताया गया कि रांची में तीन मोबाइल एटीएम वैन चल रही हैं। उनका जल्द ही रूट चार्ट भी तय कर दिया जाएगा।
कौन – कौन थे बैठक में
मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अरूण कुमार सिंह, श्री के के खंडेलवाल, प्रधान सचिव ए पी सिंह, अविनाश कुमार, नितीन मदन कुलकर्णी, राजीव अरूण एक्का, सचिव के के सोन, आराधना पटनायक, पूजा सिंघल, विनय कुमार चौबे, प्रवीण टोप्पो, के रवि कुमार, अमिताभ कौशल, सुनील कुमार, अबू बक्कर सिद्दीकी, समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।