फिर खाली गई उम्मीदें

विरोट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम अपने सर्वकालिक स्वर्णीम काल में है। यह वह दौर है जब भारतीय टीम क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में शीर्ष पर या दूसरे स्थान पर काबिज है। प्रदर्शन, रवैया और जीत की भूख इन सभी खाकों पर विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम ने विदेशी सरजमीं पर खुद…

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हौसलों के दम पर उम्मीदों की जीत

खेल के वैश्विक स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलना और उस मौके को पदकों में तब्दील करना, यही एक खिलाड़ी का लक्ष्य होता है। भारतीय खिलाड़ियों ने जकार्ता एशियन गेम्स में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के बल पर पदक जीतने की प्रतिबद्धता को साबित भी किया है। भारतीय खिलाड़ियों ने अपने हौसलों के…

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भारतीय राजनीति के अटल अध्याय थे अटल बिहारी वाजपेयी जी

  शुचिता, सर्वस्पर्शी, समावेशी राजनाति के रूप में विशिष्ट पहचान वाले राजनेता का जाना भारतीय जनमानस के गले नहीं उतर रहा है। गुरुवार को सायं 5 :05 बजे एम्स अधिकारियों के द्वारा अटल जी के निधन का अधिकारिक सूचना दिये जाने के बाद भारतवासियों के आंखों में आसूंओं का सैलाब उमड़ गया है। हर आंख…

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बाबाधाम में लगती है अनोखी बिल्वपत्र प्रदर्शनी, 134 साल पुरानी है यह परंपरा

जि जितना सुंदर बाबाधाम है उतनी ही निराली है यहां की परंपराएं….विविधताओं से भरे इस भोले की नगरी में ऐसी ही एक परंपरा है सावन मास में बिल्वपत्र प्रदर्शनी की परंपरा। मान्यता है कि बिल्वपत्र यानी बेल पत्र चढ़ाने से महादेव बहुत खुश होते हैं। भोलेनाथ के लिए बिल्वपत्र अति प्रिय होने की वजह से…

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महान पराक्रमी भगवान परशुराम

भगवान परशुराम का नाम लेते ही सहसा मन में ओज एवं पराक्रम की भाव जगने लगती है। सनातन धर्म के अराध्य भगवान विष्णु जी के छठे अवतार ओज एवं तेज से परिपूर्ण, अजर – अमर, महान पराक्रमी, शस्त्र एवं शास्त्र के महान ज्ञाता भगवान परशुराम का प्राकट्य वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि…

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सामाजिक क्रांति के अग्रदूत : बाबासाहब आंबेडकर

-डॉ. सौरभ मालवीय सामाजिक समता, सामाजिक न्याय, सामाजिक अभिसरण जैसे समाज परिवर्तन के मुद्दों को प्रमुखता से स्वर देने और परिणाम तक लाने वाले प्रमुख लोगों में डॉ. भीमराव आंबेडकर का नाम अग्रणीय है. उन्हें बाबा साहेब के नाम से जाना जाता है. एकात्म समाज निर्माण, सामाजिक समस्याओं, अस्पृश्यता जैसे सामजिक मसले पर उनका मन…

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सामाजिक समरसता के वाहक डॉ. भीम राव अंबेडकर

 – प्रभात मिश्रा 14 अप्रैल, 2018  डॉ भीम राव आंबेडकर जयंती पर विशेष भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था । डॉ. भीमराव आंबेडकर के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का भीमाबाई था । अपने…

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जिनकी शहादत पर पूरा हिन्दूस्तान रो पड़ा…

 – अजीत कुमार सिंह भगत, सुखदेव और राजगुरू के शहादत दिवस पर विशेष 23 मार्च को भारतवासी कैसे भूला सकता है?  इसी दिन देशभक्त भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू ने भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियो से आजाद करवाने के लिए मौत को गले लगाया था. इन तीन वीर सपूतों को अपने मौत का कोई…

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विज्ञान बनाम अंधविश्वास

एक जनवरी, 2018 ईस्वी संवत् बीत चुका है और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रम संवत् 2086 आ रही है। जहाँ तक उत्सव मनाने की बात है, उत्सवधर्मी भारतीय दोनों ही अवसरों का लाभ उठाकर मौज-मस्ती कर लेते हैं। परंतु जब इतिहास और व्यवहार की बात आती है तो भारत की सरकार और बुद्धिजीवी दोनों ही केवल…

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