देवघर। प्रख्यात सर्जन एवं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. युगल किशोर चौधरी (जे.के. चौधरी) को देवघर जिले का सिविल सर्जन बनाया गया है। वहीं सी.के. शाही को अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी बनाया गया है। झारखंड सरकार ने राज्य भर के 275 चिकित्सा पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया है। इनमें कई जिलों के सिविल सर्जन तथा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी भी शामिल हैं। कुछ सिविल सर्जनों को स्थानांतरित करते हुए स्वास्थ्य निदेशालय में उपनिदेशक के पद पर स्थापित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें चिकित्सा पदाधिकारियों को 15 दिनों के अंदर पदस्थापन जगह पर योगदान करने को कहा गया है।
डा. जे. के. चौधरी इससे पहले भी सिविल सर्जन रह चुके हैं, उन्होंने कोरोना के दूसरे लहर के दौरान उल्लेखनीय कार्य किया था, पंरतु कतिपय कारणों से बाद में उन्हें सिविल सर्जन से हटाकर डा. सी. के. शाही को सिविल सर्जन बनाया गया था, जबकि डा. चौधरी को अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का दायित्व सौंपा गया था। रविवार सांय को जैसे ही लोगों को डा. जे. के चौधरी के सिविल सर्जन बनाये जाने की सूचना मिली, शहर से लेकर गांव तक खुशी की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया से लेकर उनके आवास रविवार सायं से ही बधाईयों तांता लगा हुआ है।
गरीबों के डाक्टर कहे जाते हैं जे.के. चौधरी
किसान परिवार में जन्में डा. जे. के चौधरी को अनेकों संघर्ष से होकर गुजरना पड़ा है। भौतिकवादी युग में जहां एक ओर स्वास्थ्य जैसे सेवा कार्य को व्यवसाय बना दिया है वैसे में डा. जे. के. चौधरी उम्मीद की किरण हैं। डा. चौधरी को गरीबों का डाक्टर कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन काल में अनेकों गरीबों की सेवा की है, डॉ. चौधरी ने अनेकों बार सीमा रेखा पार कर न केवल गरीबों को ईलाज किया है अपितु उनके लिए निजी व्यय से समुचित व्यवस्था भी की है। डाक्टर साहब की लोकप्रियता शहर से लेकर सुदूर गांव देहात है। सीमांत बिहार तक उनके चाहने वाले हैं। देवघर समाचार की टीम ने जब उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने उन्हें जो दायित्व दिया है उसे पूर्ण मनोयोग के साथ निर्वहन करेंगे, अस्तपताल की स्वास्थ्य सेवा को और अधिक सुदृढ़ करना उनकी प्राथमिकता है।
कोरोना काल के दौरान किया उल्लेखनीय सेवा कार्य
कोरोना के दूसरी लहर के दौरान जहां पूरी दुनिया में मौत का तांडव मचा हुआ था, उस दौरान दिन-रात वे स्वास्थ्य सेवा में डटे रहे। इस दौरान डाक्टर जे.के. चौधरी परिवार सहित कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। क्वारंटाइन होने के बावजूद भी वे हमेशा मरीजों को बेहतर ईलाज देने के लिए चिंतित रहते थे। कोरोना के दौरान सिविल सर्जन रहते हुए उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया था। देवघर जिले में ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा उन्हीं की देन हैं।
कौन चिकित्सा पदाधिकारी बने किस जिले के सिविल सर्जन
डा. युगल किशोर चौधरी : देवघर
डा. जुझार मांझी : पश्चिमी सिंहभूम
डा. अजीत कुमार खलखो : खूंटी
डा. मंटू कुमार टेकरीवाल : पाकुड़
रामदेव पासवान : साहिबगंज
डा. दिनेश कुमार : लातेहार
डा. अनिल कुमार : कोडरमा
डा. जान एफ केनेडी : पलामू
डा. नवल कुमार : सिमडेगा
डा. आलोक विश्वकर्मा : धनबाद
डा. श्याम किशोर कांत : हजारीबाग
डा. साहिर पाल : जमशेदपुर
ये बने इन जिलों के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी
डा. चंद्र किशोर शाही : देवघर
डा. अरविंद कुमार : पाकुड़
डा. अनिल कुमार : पलामू
डा. प्रमोद कुमार सिन्हा : गुमला