आशा के बुझते दीपक को पुस्तकालय ने प्रदान की उम्मीद की बाती…रौशन हुआ अंतहीन तिमिर से भरा घर

सारठ। गरीबी एक ऐसी लाचारी है जो उम्मीद के पंख को उगने से पहले ही नष्ट कर देती है। अंतहीन गरीबी कोड़ की तरह है जो प्रतिभा का गला घोंट कर योग्य नौनिहालों के भविष्य को गर्त में पहुंचा देता है। हालांकि बुलंद हौसलों के आगे के कई बार गरीबी और मजबूरी को घूटनो के…

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