मुबंई। मी टू ( Me Too ) अभियान के बाद कई नकाबपोश का असली चेहरा सामने आने लगा है। मी टू हैशटेग के तहत कल तक जो चुप रहती थीं वह भी अब खुलकर कैमरे के सामने आने लगीं है और अपनी आपबीती मीडिया और समाज के साथ साझा करने लगी है, खासकर बॉलीवुड की अभिनेत्रियां… ताजा मामला कास्ट डायरेक्टर विक्की सडाना को लेकर है। दरअसल, अभिनेत्री कृतिका सिडाना पर गंभीर आरोप लगाए हैं, मामले को लेकर उन्होंने मुंबई स्थित वर्सोवा प्लस पुलिस स्टेशन में अपने वकील आशुतोष श्रीवास्तव के माध्यम से शिकायत भी दर्ज करवाई है। अभिनेत्री कृतिका ने बताया कि 2013 में उन्हें फिल्म में ऑडिशन देने के लिए मुंबई में विक्की सिडाना के सहयोगी नें फोन कर बुलाया। उन्होंने कहा कि ऑडिशन के दौरान कई बार उनके साथ गलत व्यवहार किया गया। चूंकि मुंबई में उनका कोई परिचित नहीं था और न ही उनके पास पर्याप्त पैसे थे कि किसी महंगे होटल में ठहर सके तो उन्होंने ऑडिशन के बाद अपने कास्ट डायरेक्टर विक्की सिडाना से मुंबई में रहने के लिए आवास की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। सिडाना ने उन्हें किसी होटल या अन्य जगह रखने के बजाय अपने घर पर बुला लिया और वहीं रहने के लिए कहा गया, सिडाना के साथ उनकी पत्नी प्रियंका रहती थीं। सिडाना, मजबूरी का फायदा उठाकर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाने लगा, मना करने पर कई बार जबरदस्ती की कोशिश की गई। अभिनेत्री ने बताया कि डायरेक्टर के द्वारा कई बार उन्हें चुमने का भी असफल प्रयास किया गया। अगले दिन सिडाना ने कुछ निर्देशकों से मिलवाने की बात की लेकिन जब कृतिका उस स्थान पर पहुंची तो देखी वहां कोई भी नहीं है और न ही वहां पर कोई मीटिंग रखी गई है। हॉल के दरवाजे को सिडाना ने अंदर से बंद कर दिया और उन्हें बिस्तर पर पटक कर दुराचार करने की कोशिश की गई, कृतिका अपने आपको किसी तरह बचा कर वहां से निकलीं और ऑडिशन छोड़ वापस आने का फैसला किया गया। मीडिया के द्वारा जब पूछा गया कि आप इतने सालों तक चुप क्यों रहीं तो उन्होंने बताया कि मैं मुंबई में नई – नई थीं, मेरी बातों पर कौन विश्वास करता, उल्टे लोग उन्हें ही शक के नजरिये से देखते कि काम न मिलने पर ब्लैकमेल कर रही है साथ ही इस घटना के बाद वह सदमें में चली गई थीं उन्हें उबरने में काफी साल लग गये। उन्होंने बताया अब मुझे उचित समय लगा और हमने अपने वकील आशुतोष श्रीवास्तव के माध्यम से शिकायत दर्ज करवाई है, मुझे उम्मीद है कि मुंबई पुलिस इस पर सख्त कार्रवाई करेगी।
इस पूरे प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट के वकील और अभिनेत्री कृतिका शर्मा का केश देखने वाले आशुतोष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए कहा कि रोजमर्रा की जिंदगी में आजकल महिलाओं को विभिन्न क्षेत्र में काम करना पड़ता है, लेकिन कार्यस्थल पर पर उनके साथ गलत व्यवहार किया जाए, उनके साथ दुराचार किया जाय तो यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। हालिया दिनों में महिलाओं के साथ अत्याचार के घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है, जब तक लोगों में कानून का भय नहीं होगा तब तक स्थिति पर काबू पाना संभव नहीं हो पायेगा। उन्होंने बताया कि उनके क्लाइंट कृतिका के साथ बहुत ही अन्याय हुआ है, उनके मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश की गई जिसको लेकर उन्होंने वर्सोवा प्लस थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई गई है। महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार समझ से परे है भारतीय संविधान में सभी को अवसर की समानता की गारंटी दी गई है। मी टू के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत संयुक्त राज्य अमेरिका के मनोरंजन जगत में प्रभावशाली पुरूषों के द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ हुआ था। अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने 2008 में शूटिंग की एक फिल्म सेट पर नाना पाटेकर के द्वारा अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया था, इसके बाद सितंबर से ही भारत में इस अभियान ने जोर पकड़ ली और अब महिलायें खुलकर सामने आने लगीं हैं।