विद्या ददाति विनयम् -अजीत कुमार सिंह
विद्या ददाति विनयम – विनयाद् याति पात्रताम। पात्रत्वाद् धनमाप्नोती – धनाद धर्मस्ततः सुखम ।। अर्थात विद्या से विनय – विनय योग्यता – योग्यता से धन – धन से धर्म एवं धर्म के पालन से सुख की प्राप्ति होती है। भारतीय ऋषि मुनियों के अनुसार विद्या प्राप्ति का उद्देश्य सिर्फ किताबी ज्ञान हासिल करना नहं बल्कि…