वामपंथ के लिये भस्मासुर है – महिषासुर (आलेख दो)

आलेख  – 2  – फॉर्वर्ड लिख कर ही कोई प्रेस फॉर्वर्ड नहीं हो जाता!! किसी भी कथ्य को समझने से पहले उसे पढ़ना और गहराई से समझने के लिये बार बार पढना आवश्यक है। निश्चित ही बिटवीन द लाईंस पढा जाना चाहिये और अनेक अर्थ निकालने चाहिये क्योंकि जिन दिनों की रचनाओं पर आज बात…

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