अन्य दिनों की अपेक्षा सोमवार को कांवरियों की संख्या काफी अधिक होती है लेकिन मंगलवार को भी बाबा मंदिर में सोमवारी की तरह नजारा देखा गया। भोले के मद-मस्त भक्तों की संख्या में कोई कमी नहीं देखी जा रही है। कंधे पर कांवर और जुंबा पर बोल बंम, बोल बंम की जाप करते सुल्तानगंज से पैदल 105 किलोमीटर चलकर बाबा पर जलार्पण करने के बाद चेहरे पर संतुष्टि का भाव साफ देखा जा रहा है, लगातार कांवरियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन के द्वारा इंतजमात बढ़ा दिये गये हैं। मंगलवार सुबह लगभग पौने चार बजे बाबा मंदिर का पट खोला गया, पट खुलते ही पूरा देवघर बोलबंम के नारे से गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालु स्वतः कतारबद्ध होकर गर्भ गृह में प्रवेश कर अरघा के माध्यम से कामनालिंग पर जलार्पण कर रहे थे । बाबा बैद्यनाथ पर जलापर्ण करने के बाद बाहर निकल रहे कांवरियों से देवघर समाचार के संवाददाता ने बातचीत की। बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश से आये कांवरियों ने बताया कि वे विगत दस साल से बाबाधाम आ रहे हैं, बाबा की कृपा से उनका परिवार भरा पूरा है। सुल्तानगंज से जल उठाने के बाद रास्ते में उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा परंतु दर्शनियां पहुंचते ही उनलोगों का दुख दूर हो गया और लगता है मानों अभी अभी घर से निकलकर बाबाधाम आये हुए हैं।