नागपुर, 15 मार्च। जम्मू कश्मीर अध्ययन केन्द्र, नागपुर द्वारा आय़ोजित सप्तसिंधू महोत्सव का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। देशपांडे सभागृह में आयोजित इस उद्घाटन समारोह में मंच पर मिजोरम के राज्यपाल महामहिम निर्भय शर्मा, जेकेएससी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री जवाहर लाल कौल, पूर्व न्यायाधीश श्रीमती मीरा खडक्कार, श्री चारुदत्त काहू उपस्थित थे।
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिभाज्य अंग है, यह केवल संसद का प्रस्ताव नहीं है बल्कि यह हमारी अनुभूति है। उन्होंने कहा कि हमारी विस्मृति के कारण यहां कुछ प्रश्न खड़े हुए हैं, हमें अब उनका उत्तर देना होगा। इस कार्य में कुछ छल-कपट करने वाले लोग लगे हैं जिन्हें उनकी भाषा में समझाने का समय आ गया है।
सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कहा, ‘कश्मीर समस्या जिसकी हम बार-बार चर्चा करते हैं, मुझे लगता है यह गलत है। कश्मीर समस्या केवल कश्मीर की नहीं बल्कि यह पूरे भारत की है। जब समस्या पूरे भारत की है तो इसका समाधान भी हम सबको मिलकर करना होगा।’ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत भूमि का दर्शन हमें एकात्मकता का दर्शन कराता है। इसलिए हमें देश के सुदूर क्षेत्रों को देखने जाना चाहिए। तब हमें एक भूमि, एक जन और एक राष्ट्र है।
कार्यक्रम का प्रारंभ दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में आयोजित जम्मू कश्मीर विषय पर आयोजित प्रदर्शनी से हुआ। इस प्रदर्शनी में जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाने वाले चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही कश्मीर शैव दर्शन के महान संत आचार्य अभिनवगुप्त और बौद्ध धर्म 19वें कुशक बकुला रिंपोचे जीवन पर आधारित छायाचित्रों को यहां प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल निर्भय शर्मा ने कहा कि जेकेएससी भारत और भारत के बाहर जम्मू कश्मीर के विषय पर सराहनीय कार्य कर रहा है जिसका परिणाम अब सबके सामने दिखायी दे रहा है। जहां तक जम्मू कश्मीर के सवाल पर सिर्फ कश्मीर की बात होती है जबकि लद्दाख के साथ-साथ हमें गिलगित-बल्तिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर को भी चर्चा में लाना होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर सिर्फ मनोरंजन और पर्यटन का केन्द्र नहीं बल्कि यह हमारी आस्था और श्रद्धा का केन्द्र है। महामहिम ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में छद्म सेकुलरिज्म का दौर चल रहा है, पूरे राज्य में कुछ लोग गलत तथ्यों के आधार पर भ्रम की स्थिति पैदा करने में लगे हैं। इनके कुचक्र को तोड़ने हेतु हमें एकजुट होकर प्रयास करने की आवश्यकता है।’
कार्यक्रम की विषय प्रस्तावना श्रीमती मीरा खडक्कार ने किया। आपको बतादें कि जम्मू काश्मीर एवं लद्दाख के विभिन्न आय़ामों को दर्शाने वाले इस भव्य महोत्सव 15 मार्च से प्रारंभ होकर 18 मार्च तक चलेगा। जिसमें जम्मू काश्मीर राज्य के खान-पान, शिल्प कला, महानाट्य, प्रदर्शनी एवं साहित्य के स्टॉल लगाये गये हैं।
नागपुर से अवनीश राजपूत की रिपोर्ट