देवघर : जो यूरिया खाद किसानों को मिलना था वह ग्रेन बैंक के गोदाम में सड़कर बर्बाद हो गया, वह भी एक दो बोरा नहीं बल्कि पूरे दो सौ बोरे…। यह खाद किसानों को अनुदान में मिलने वाला था, जिसकी कीमत लगभग साठ हजार थीं। किसान ग्रेन बैंक का चक्कर काटते रहे लेकिन उन्हें खरीफ व रबी किसी मौसम में खाद नहीं मिला।
जानकारी के मुताबिक डीएसओ को ग्रेन बैंक में वित्तीय गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, जिसके बाद डीएसओ सुशील कुमार ने ग्रेन बैंक व गोदाम में ताला जड़ दिया। ताला जड़ने के कारण किसानों को खाद नहीं मिल पाया और सड़कर गोदाम में बर्बाद हो गया। हांलाकि विभागीय आदेश पर ग्रेन बैंक का ताला छह माह पहले ही खुला चुका था लेकिन खाद का वितरण नहीं हो पाया। खैर, कारण जो भी हो, लेकिन नुकसान किसान को हुआ। खाद अगर समय पर किसानों को मिल जाता तो शायद फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देवघर जिले में ग्रेन बैंक की कुल 25 शाखाएं हैं, जिसमें से कई ग्रेन गोला पूरी तरह बंद हो चुका है या फिर उस पर पैक्स का संचालन हो रहा है। बता दें कि कॉपरेटिव ग्रेन बैंक की स्थापना किसानों को महाजनों से मुक्ति दिलाने के लिए किया गया था। कम ब्याज पर ऋण प्रदान करने वाली ग्रेन बैंक की योजना भी राजनीति की भेट चढ़ गई और किसानों की भूमिका गौण हो गई।