देवघर चारा घोटाले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को अपने पूराने साथी का साथ मिला है। दरअसल चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले पर अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ-साथ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को पांच साल की कैद एवं दस लाख का जुर्माना सुनाया गया है। जुर्माने की राशि नहीं भरे की स्थिति में एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से निकाले गए तेंतीस करोड़ 67 लाख रूपए मामले में फैसला सुनाया है। इससे पहले लालू यादव देवघर कोषागार और चाईबासा कोषागार के एक और केस में दोषी करार दिये जा चुके हैं। यहां बता दें कि देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद के साथ जगन्नाथ मिश्र भी आरोपी थे,लेकिन तब उन्हें बरी कर दिया गया था। उस समय अदालत के फैसले को सोशल मीडिया में कई लोगों ने एकतरफा कार्रवाई होने की बात कही थी, लेकिन आज की अदालती कार्रवाई से सबके मुंह सील गये हैं।
बुधवार को चाईबासा कोषागार मामले में अदालत के फैसले आने के बाद लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास 95 फीसदी लोग दागी हैं। बिहार में लगातार कानून व्यवस्था खराब होती जा रही है। इस सरकार को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार और देश की जनता लालू जी को हीरो मानती है। हमें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाने की छूट है। लालू जी को फंसाया गया है। भाजपा और नीतीश चाहते हैं कि दिसंबर 2018 में ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव हो जाएं। जनता में आक्रोश है। जिसको वोट दिया वो कारागार में है। जिसको नहीं दिया वो सरकार में है।
वहीं बिहार के उप-मुख्यमंत्री व बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा ने यह तो होना ही था क्योंकि लालू के खिलाफ पुख्ता सबूत थे। वो अब अदालत पर आरोप लगा रहे हैं। श्याम बिहारी सिन्हा इस घोटाले के मास्टरमाइंड थे और वो लालू के बच्चों के स्थानीय अभिभावक थे। लालू यादव अब गांव के मुखिया का भी चुनाव नहीं लड़ सकते।
अदालत ने कितने लोगों को दोषी करार दिया?
अदालत ने इस केस में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्र समेत 50 आरोपियों को दोषी माना है एवं छह आरोपियों को बरी कर दिया है, जिसमें इन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा, विद्यासागर निषाद, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत और आर के राणा के अलावा तीन पूर्व आईएएस अफसर फूलचंन्द्र सिंह, महेश प्रसाद, सजल चक्रवर्ती और एक कोषागार अधिकारी प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा 56 आरोपियों में 40 आपुर्तिकर्ता हैं।
देखें मामले के सभी 56 आरोपियों की सूची और जानें अदालत ने किसे रिहा किया और किसे दोषी करार दिया
- लालू प्रसाद – दोषी
- डॉ. जगन्नाथ मिश्र – दोषी
3. डॉ. आरके राणा -दोषी
4. ध्रुव भगत -दोषी
5. विद्यासागर निषाद -दोषी
6. जगदीश शर्मा -दोषी
‘तीन आइएएस अधिकारी
7. सजल चक्रवर्ती -दोषी
8. फूलचंद सिंह -दोषी
9. महेश प्रसाद -दोषी
‘एक कोषागार पदाधिकारी
10. सिलास तिर्की -दोषी
‘पशुपालन विभाग के छह पदाधिकारी
11. केएन झा -दोषी
12. केएम प्रसाद -दोषी
13. बीएन शर्मा -दोषी
14. डॉ. राम प्रकाश राम -रिहा
15.डॉ. एमके श्रीवास्तव -बरी
16. डॉ. अर्जुन शर्मा -दोषी
40 आपूर्तिकर्ता
17. मो. सईद -दोषी
18. मो. इकराम -दोषी
19. मो. हुसैन -दोषी
20. त्रिपुरारी मोहन प्रसाद -दोषी
21. सुशील कुमार -दोषी
22. सुरेश दुबे -दोषी
23. सत्येंद्र कुमार मेहरा -दोषी
24. उमेश दुबे -दोषी
25. विजय मल्लिक -दोषी
26. महेंद्र कुमार कुंदन -दोषी
27. राजेश मेहरा -दोषी
28. जगमोहन लाल ककड़ -दोषी
29. संजय सिन्हा -दोषी
30. रवि कुमार सिन्हा -दोषी
31. मो. जाहिद हुसैन -दोषी
32. दयानंद कश्यप -दोषी
33. राम नंदन सिंह -दोषी
34. श्रीनाथ सिंह -दोषी
35. शरद कुमार -दोषी
36. निर्मला प्रसाद -दोषी
37. अनिता प्रसाद -दोषी
38. सिद्धार्थ कुमार -दोषी
39. ज्योति कुमार झा -दोषी
40. राम अवतार शर्मा -बरी
41. विजेश्वरी प्रसाद सिन्हा -दोषी
42. समीर वालिया -दोषी
43. प्रकाश कुमार लाल -दोषी
44. देवेंद्र कुमार राय -दोषी
45. चंचला सिन्हा -दोषी
46. सुभाशिश देव -दोषी
47. सुदेव राणा -बरी
48. विमला शर्मा -बरी
49. रवि सिन्हा -दोषी
50. सीमा कुमार -बरी
51. अजीत कुमार वर्मा -दोषी
52. एमएस बेदी -दोषी
53. मधु मेहता -दोषी
54. हरीश कुमार -दोषी
55. विमल कुमार अग्रवाल -दोषी
56. सुनील कुमार सिन्हा – दोषी