सारठ : देवघर – मधुपुर मुख्य मार्ग बामनगामा स्थित बाबा दूबे वार्षिक पूजा 2022 धूमधाम से संपन्न हुआ। अन्य वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष की व्यवस्था काफी चुस्त – दुरुस्त दिखी। उत्तम व्यवस्था और कार्यकर्ताओं के श्रद्धाभाव को देखकर श्रद्धालु काफी गदगद दिखे। पश्चिम बंगाल के बराकर से आए श्रद्धालु सुमंतो दास ने देवघर समाचार से बात करते हुए कहा कि मैं हर वर्ष यहां पर वार्षिक पूजा में आता हूं, बाबा दूबे पर मेरी अटूट आस्था है। यह कलयुग के जीवंत देवता हैं। इनके आशीर्वाद से जहरीले सांप के काटने के बावजूद भी लोग स्वस्थ हो जाते हैं। व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस वर्ष श्रद्धालुयों की सुविधाओं के प्रति विशेष ध्यान दिया गया है, जो सराहनीय है। मैं सुंदर व्यवस्था को देखकर अभिभूत हूं, वहीं बिहार के जमुई जिले के खैरा से आए दीपक वर्णवाल ने कहा कि बहुत आसानी से पूजा हो गई हैं, कार्यकर्ताओं का रवैया काफी सहयोगत्मक दिखा। गिरिडीह जिले के बरमसिया गांव के विवेक ने कहा कि मेले का आयोजन बहुत ही सुव्यवस्थित रूप से किया गया है, बाबा सभी कार्यकर्ताओं पर कृपा बनाए रखे। मधुपुर के मारगोमुंडा प्रखंड के बेलाटांड निवासी च्रदकिशोर दूबे ने कहा कि बाबा का दर्शन पाकर धन्य हो गया, बाबा का प्रसाद भी पाया। देवघर समाचार टीम ने जितने भी श्रद्धालु से बात की लगभग संतुष्ट दिखे।
रात के दो बजे से आने लगे थे श्रद्धालु
बाबा दूबे के प्रति आस्था का आलम यह था कि रात के दो बजे से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था, व्यवस्था में लगे कार्यकर्ताओं ने बताया कि बाबा दूबे की महिमा अपरंपार है। भक्त बाबा की ओर खुद व खुद खींचे चले आते हैं। उन्होंने बताया कि रात के दो बजे से श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था, जो अंत तक चलता रहा। हमलोगों के लिए उत्तम व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती थी लेकिन बाबा की कृपा से सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
पूर्व विधायक चुन्ना सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने संभाली कमान
बामनगामा बाबा दूबे की वार्षिक पूजा में काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन कराने एवं विधि व्यवस्था बनाए रखने लिए इस वर्ष खास व्यवस्था बनाई गई थी, जिसकी तैयारी दो – तीन सप्ताह पहले से शुरू हो गई थी। व्यवस्था की कमान पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह ने स्वयं अपने हाथों ले रखी थी। उन्होंने इस बाबत कई बार ग्रामीणों के साथ बैठक भी की। मेले के सफल संचालन एवं श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के लिए बकायता सौ से अधिक कार्यकर्ताओं की टोली बनाई गई थी। ग्रामीण स्वतः स्फूर्त थे। बामनगामा मुखिया इंद्रदेव सिंह पूजा संपन्न होने तक दिन-रात डटे रहे। इस दौरान ग्रामीणों की एकजूटता काबिलेतारिफ थी। सुलभ दर्शन के लिए इस वर्ष बांस की बैरेकेटिंग की गई थीं वहीं बलि के लिए अलग – अलग खूंटा बनाया था, जिसके लिए कूपन व्यवस्था की गई थी। कूपन व्यवस्था के कारण इस वर्ष अफरा-तफरी का माहौल दूर – दूर तक नहीं दिखा। कार्यकर्ता श्रद्धालुओं से प्रसाद लेकर जाकर जाने की अपील करते दिखे।
ट्रैफिक व्यवस्था का भी रखा गया ख्याल
बामनगामा दूबे बाबा मंदिर मुख्य मार्ग पर स्थित होने के कारण वार्षिक पूजा में ट्रैफिक समस्या उत्पन्न हो जाती थी लेकिन इस वर्ष ट्रैफिक व्यवस्था का भी विशेष ख्याल रखा गया। ट्रैफिक व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलता रहे इस हेतु मेले का आयोजन सड़क किनारे के बजाय आस-पास खाली पड़े खेतों में की गई थी परिणास्वरूप यात्रियों को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।