देवघर। पवित्र श्रावण मास के तीसरी सोमवारी को बाबाधाम, देवघर में आस्था का जनसैलाब उमड़ रहा है, पिछले दो सोमवारी की तुलना में इस सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। पूरा देवघर गेरूआ रंग से रंग चुका है। रात दस बजे तक तीन लाख चौदह हजार ती सौ चोहत्तर श्रद्धालु जलार्पण कर चुके हैं, जिसमें अर्घा जलार्पण करने वाले भक्तों की संख्या दो लाख आठ हजार पेंतालीस है वहीं बाह्य अर्घा से जलार्पण करने वालें की संख्या एक लाख पांच हजार सात सौ उनतीस थी। रविवार देर रात से ही कांवरियां कताबद्ध थे। बिहार – झारखंड की सीमा दुम्मा कांवरिया पथ से लेकर मंदिर प्रांगण तक गेरूआमय है। तीसरी सोमवारी पर व्यवस्था थोड़ी बदली गई है। एक कतार की जगह दोहरी कतार लगातार चलाई जा रही है, जिस कारण कतार लंबा नहीं होने दिया जा रहा है। इससे कांवरियों को भी राहत मिल रही है अमूमन कांवरिया लंबी कतारों में थक जाते हैं जबकि इस बार कांवरिया कम थक रहे हैं।
रविवार की रात डेढ़ – दो बजे से ही कांवरियों की लगी भीड़
बाबा बैद्यानाथ का जलार्पण करने के लिए श्रद्धालु रविवार की देर रात से ही कतारबद्ध हो गए थे। रात्रि करीब डेढ़ – दो बजे तक श्रद्धालुओं की कतार कुमैठा स्टेडियम परिसर में बनाये गए रूकने वाले स्थान तक पहुंची थी। जिला प्रशासन लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर मुस्तैद रहे। पूरे मेला क्षेत्र के साथ-साथ रूट लाइन में कतारबद्ध कांवरियों के लिए सुविधा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। अरघा से जलार्पण हो रहा है। शिवभक्तों की कतार सात – आठ किलोमीटर दूर तक लगी हुई है। जिला प्रशासन को उम्मीद है कि शाम तक तीन लाख से अधिक भक्त देवघर पहुंचेंगे। जलार्पण में सुविधा हेतु मंदिर प्रांगण में बाहर भी अरघा भी लगाया गया है। लंबी कतार से बचने या जो चलने में लाचार हैं, वह इस अरघा से आसानी से पूजा कर रहे हैं।
रूट लाइन का लगातार भ्रमण करते दिखे देवघर डीसी
देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री व्यवस्था की जानकारी रूट लाइन पर जाकर ले रहे हैं, रविवार देर रात से ही वे लगातार भ्रमण करते दिख रहे हैं। रूट लाइन निरीक्षण के क्रम में डीसी ने सभी को निदेशित करते हुए कहा कि देवनगरी आएं हुए देवतुल्य श्रद्धालुओं को स्वच्छ मेला एवं सुलभ जलार्पण के साथ हरसंभव सुविधा मुहैया कराने के लिए अपने सभी कर्तव्य पर पूरी तरह से मुस्तैद और सजग रहे। उन्होंने जवानों से कहा कि श्रद्धालुओं के साथ पूरी विनम्रता के साथ उनकी मदद करें