नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पूरा देश याद कर रहा है। 21 मई, 1991 को श्रीपेरंबदूर में एक बम धमाके में उनकी हत्या कर दी गई थी। बता दें कि श्रीलंका में शांति सेना भेजने के कारण नाराज हुए तमिल विद्रोहियों (लिट्टे उग्रवादियों) ने तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला किया था। उनकी हत्या के बाद प्रत्येक वर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, ‘पुण्यतिथि पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि।’
वहीं कांग्रेस के कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिता को याद करते हुए कहा कि ‘एक सच्चे देशभक्त, उदार और परोपकारी पिता के पुत्र होने पर मुझे गर्व है। प्रधानमंत्री के रूप में राजीव जी देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया। अपनी दूरंदेशी से देश को सशक्त करने के लिए उन्होंने कई ज़रूरी कदम उठाए। आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं स्नेह और कृतज्ञता से उन्हें सादर नमन करता हूं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा अपने पिता को याद करते हुए भावुक हो गई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ खिंचाई अपनी अंतिम फोटो को ट्वीटर पर शेयर करते हुए प्रियंका ने लिखा, “उन लोगों के प्रति दया करने के लिए जो आपके लिए निर्दयी हैं; यह जानने के लिए कि जीवन कितना उचित है, आप चाहे कितना भी अनुचित क्यों न हो; चलते रहना, चाहे कितना भी गहरा आसमान हो या तूफ़ान कितना भीषण हो; एक मजबूत दिल का पोषण करने के लिए और इसे प्यार से भरें चाहे वह कितना भी बड़ा दुख क्यों न हो; ये मेरे पिता के जीवन का उपहार हैं।”
दिग्विजय सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए लिखा, ‘राजीव जी की पुण्य तिथि पर उन्हें सादर श्रद्धांजलि। राजीव जी को यह देश कभी नहीं भुला पाएगा। राजीव गॉंधी अमर रहें।’
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘राजीव गांधी, भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे, जो अन्य लोगों की तुलना में काफी दूरदर्शी थे। वह देखभाल व प्यार करने वाले एक दयालु इंसान थे। उन्होंने सभी भारतीयों के लिए एक उज्जवल भविष्य की कल्पना की और उस मद में काम किया। उनके कार्यों के कारण ही आने वाली कई पीढ़ियों को वो प्रेरित करते रहेंगे।’ इस दौरान वेगुगोपाल ने राजीव गांधी के विचार को साझा करते हुए कहा कि वो मानव जाति की सेवा में एक मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के देशों की अग्रिम श्रेणी का भारत का सपना देखते थे।