देवघर। आईसीआईसीआई बैंक के विभिन्न राज्यों के 6 दर्जन लोगों के बैंक खाते से 1 करोड़ रुपए से अधिक रकम की अवैध तरीके से निकासी किए जाने के मामले में एसपी पीयूष पांडेय द्वारा साइबर डीएसपी नेहा बाला के नेतृत्व में गठित छापेमारी टीम ने जिले के करो मोहनपुर कुंडा वह दुमका जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र से छापेमारी कर घटना में संलिप्त आठ साइबर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में करौं थाना क्षेत्र के जग्गाडीह निवासी अजित मंडल, चेतलाल मंडल, शमीम अख्तर, मुकेश मंडल, करौं गांव निवासी राजू मंडल, मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा निवासी लल्लू कुमार, दुमका जिले के चौराजोर गांव निवासी कृष्णा यादव और सीमावर्ती बिहार प्रान्त के बांका जिले के बौंसी निवासी दिनेश कुमार शामिल है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने एक एमएसआर एक्स 6 कंपनी का एटीएम क्लोनिंग मशीन, 29 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 15 सिम कार्ड, 53 एटीएम कार्ड, 21 ब्लेंक एटीएम कार्ड व नकद 1 लाख 20 हजार रुपए जब्त किया है। गिरफ्तारी के संदर्भ में एसपी पीयूष पांडेय ने बताया कि सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक देवघर शाखा के शाखा प्रबंधक द्वारा साइबर थाना में विभिन्न राज्यों के दर्जनों लोगों से 1 करोड़ रुपए से अधिक रकम की अवैध निकासी की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद मामले के अनुसंधान व आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए साइबर डीएसपी नेहा बाला के नेतृत्व में विशेष जांच टीम का गठन किया गया था। उसके बाद मामले की पूरे तकनीकी रूप से अनुसंधान शुरू कर दिया गया। उसी क्रम में तकनीकी अनुसंधान के आधार पर टीम द्वारा करौं थाना क्षेत्र के जग्गाडीह गांव से छापेमारी कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वुसके बाद उनके स्वीकारोक्ति बयान व तकनीकी आधार पर अलग-अलग जगहों से छापेमारी कर घटना में संलिप्त अन्य 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। घटना में और भी लोगों के शामिल होने की आशंका व्यक्त की गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सभी आरोपी बैंक ग्राहकों को बल्क एसएमएस भेजकर केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर उनसे उनके बैंक खाते से संबंधित जानकारी प्राप्त कर बैंक खातों से अवैध निकासी कर रहे थे। सभी आरोपियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी कर रही है।
विशेष टीम में कौन कौन थे शामिल
मामले के अनुसंधान व आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गठित विशेष छापेमारी टीम का नेतृत्व साइबर डीएसपी नेहा बाला कर रही थी। जबकि टीम में उनके अलावे साइबर थाना की इंस्पेक्टर संगीता कुमारी, पीएसआई शैलेश कुमार पांडेय, पाण्डु सामद, प्रेम प्रदीप कुमार, आरक्षी दीपेश कुमार, विक्रम कुमार सिंह, जयराम पंडित, सपन कुमार मंडल, सुमित कुमार गुप्ता, विजय कुमार मंडल, नुनेश्वर ठाकुर, सुरेश मरांडी, वरुण कुमार दर्वे, प्रदीप कुमार मंडल, बबिता कुमारी और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के रियाजुल हक, विश्वजीत कुमार व कृष्णा पूर्ति शामिल थे।
बैंक कर्मियों के संलिप्तता की भी होगी जांच
एसपी ने कहा कि अभी पूरे मामले की जांच नहीं हुई है और सभी आरोपी भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। पुलिस द्वारा बैंक से संबंधित लोगों के बारे में भी जांच की जाएगी। जांच के क्रम में अगर किसी बैंककर्मी की संलिप्तता पाई जाएगी तो उनके विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आपस में जुड़े हुए हैं सभी आरोपी
एसपी ने बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपी एक दूसरे से परिचित हैं और सभी की पूर्व से एक दूसरे से जान पहचान है। सभी लोगों ने साथ मिलकर एक ही तरीके से ग्राहकों को अपना शिकार बनाया है।
मास्टरमाइंड की तलाश जारी
उन्होंने कहा कि किसके दिशानिर्देश से लोगों के बैंक खाते से अवैध निकासी का कार्य चल रहा था। इसकी जांच की जा रही है। गिरफ्तार सभी आरोपियों में से कोई भी इस घटना का मास्टरमाइंड नहीं है। पुलिस गिरोह के मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है। जल्द ही पोलिस द्वारा छापेमारी कर गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों की क्राइम हिस्ट्री है या नहीं इसकी भी जांच की जाएगी।
लॉक डाउन के दौरान ही हुई है पूरी घटना
एसपी ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक के विभिन्न खाता धारकों के बैंक खाते से लॉक डाउन की घोषणा के बाद ही साइबर अपराधियों द्वारा रुपयों की निकासी की गई है। साइबर आरोपी खाता का केवाईसी अपडेट करने के नाम पर लोगों को बल्क एसएमएस भेज कर उनसे बैंक खाते से संबंधित जानकारी ले ली। उसके बाद उनके द्वारा अवैध तरीके से निकासी की गई।
अन्य राज्यों को भी किया जाएगा सूचित
उन्होंने कहा कि जिस राज्य के लोगों से ठगी हुई है। उन राज्यों के पॉलिस को भी सूचित किया जाएगा। उसके बाद वहां की पुलिस आरोपियों को रिमांड पर ले जा सकती है।
छापेमारी टीम के सदस्यों को दिया जाएगा रिवार्ड
उन्होंने कहा कि साइबर डीएसपी नेहा बाला के नेतृत्व में अनुसंधान के लिए गठित विशेष टीम के सदस्यों ने काफी बेहतरीन कार्य किया है और मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की है। जिसको देखते हुए टीम के सभी सदस्यों की हौसला अफजाई व मनोबल बढ़ाने के लिए रीवार्ड भी दिया जाएगा।