जनवरी का महीना, सर्द भरा मौसम दिन रविवार छनती धूप के बीच सारठ के नारगी मोड़ पर लोगों का विशाल जनसमूह । न कोई पार्टी, न कोई बैनर, न कोई हैलीपैड और न कोई प्रोटोकॉल…ढ़ोल – नगाड़ों के बीच एक ही आवाज चुन्ना सिंह जिंदाबाद, हमारा नेता कैसा हो चुन्ना भैया जैसा हो । भले ही चुन्ना सिंह इसे समान्य बैठक की बात कह रहे हैं लेकिन इस जनसभा के बाद सारठ के सियासत का पारा बढ़ गया है, यूं कहें तो सर्दी के मौसम में सियासत की गर्मी बढ़ गई है। सारठ, चितरा, पालोजोरी, करमाटांड व अन्य चौक – चौराहों में चर्चा का बाजार गर्म होने लगा है।
चुन्ना सिंह के भाषण को सुनकर भावुक हुए लोग
सुबह 10 बजे से ही नारगी मोड़ पर लोगों का आना शुरू हो गया था, हर समुदाय के लोग इसमें भाग ले रहे थे। सभा 1 बजे निर्धारित थी…तय समय के पहले ही नारगी मोड़ का मैदान खचाखच भीड़ से भर गया था। आज के इस जनसभा में नेता जी कम, ज्यादा उनके कार्यकर्ता बोल रहे थे । युवा वर्ग अपने नेता के साथ सेल्फी लेने में व्यस्त थे तो विपक्षी कमियां निकालने में…सभा की शुरूआत हुई..कार्यकर्ता अपने मन माफिक भाषण दे रहे थे लेकिन सबके निशाने पर थे सूबे के मंत्री जो यहां के विधायक भी हैं। इस जनसभा की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि अक्सर सिटी बजाकर अपने भाषण की शुरूआत करने वाले नेता जी आज काफी भावुक भाषण दे रहे थे, उनकी एक – एक बात जनता की दिलो को झंकृत कर रही थी, उनके भाषण को सुनकर नहीं लग रहा था कोई बाहुबली की जनसभा है। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह कहते हैं कि सारठ की जनता ही मेरी ताकत और सोहरत है । सारठ ही मेरी पहचान है, सारठ ही मेरी वजूद है….सारठ की जनता के बिना मैं अधूरा हूं। मैं आपलोगों के लिए तलवार और ढ़ाल दोनों का काम कर सकता हूं। जरूरत के अनुसार तलवार और ढ़ाल बनकर आपके सम्मान की रक्षा करूंगा, आपकी सेवा करूंगा ।
जब दस सिर वाले का घंमड चूर हो गया तो बताइये एक सिर वाले का क्या होगा
आज आपलोगों के प्यार और स्नेह ने साबित कर दिया कि वह दिन दूर नहीं जब शीशे से ही पत्थर को चूर – चूर किया जायेगा। कोई ऐसा पत्थर नहीं बना है जो इतने प्यार के सामने न टूटे न पिघले…। उन्होंने स्थानीय विधायक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दोमहान मेला में एक सरकारी गाड़ी खड़ी थी जिस पर लाल बत्ती लगी थी…यह लाल बत्ती भारत के लोगों को सुरक्षित रखने की गारंटी देता है। यह जनता की सेवा में सदैव तत्पर रहता है, जनता का स्वाभिमान है उस लाल बत्ती को सम्मान देने के बजाय घमंड से चूर विधायक ने उस गाड़ी के ऊपर खड़ा होकर भाषण देने लगा, जब कुछ लोगों ने जूता खोलकर उस पर चढ़ने की बात की तो उसे डांट दिया गया। रावण त्रिलोक विजयी था, महापंडित था, उसके दस – दस सिर थे जब उसका घमंड नहीं रहा था बताइये एक सिर वाले का घमंड रहेगा।
अगली जनसभा में सिंबल के साथ आऊंगा
कुछ लोग मुझे बार – बार पूछते हैं कि आप किस पार्टी से लड़ेगें, आपका चुनावी सिंबल क्या होगा…तो मैं इस मंच से उनको विश्वास दिलाता हूं आज की बैठक के बाद जब अगली जनसभा होगी उसमें सिंबल होगा। मेरे प्यारे सारठवासी थोड़ा सब्र रखें, आपके प्यार और सब्र के बदौलत ही मैं आज यहां खड़ा हूं। बता दें कि चुन्ना सिंह के द्वारा सिंबल की बात किये जाने के बाद सारठ चौक पर सियासी कानाफूसी शुरू हो गया, लोग तरह – तरह के कयास लगाने लगे हैं। खैर, सिंबल कुछ भी हो लेकिन यह साफ है कि सारठ का चुनावी मुकाबला इस बार काफी रोचक होने वाली है।