गुजरात में बिहार – झारखंड समेत उत्तर भारतीयों के कामगारों को मारपीट कर भगाये जाने पर देवघर के युवाओं में गुस्सा उबाल पर है। रविवार देर शाम को देवघर के टावर चौक पर गुजरात की सास्कृतिक प्रतीक, डांडिया को जलाकर विरोध प्रकट किया गया। देवघर के युवाओं का कहना है कि अगर गुजरात के लोगों पर बिहारी – झारखंडी बोझ है तो हमलोग उसकी संस्कृति के बोझ को अपने शहर में क्यों पनपने दें। इस मौके पर वैभव राय ने कहा गुजराती हमलोगों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहें तो हमलोग उनकी संस्कृति का क्यों सहन करें वैसे भी डांडिया फुहड़पन के सिवा कुछ नहीं है। भक्ति को कुछ लोगों ने मनोरंजन बना दिया है जबकि नवरात्र में आदि शक्ति मां दुर्गा का ध्यान किया जाता है। हमलोगों को अपनी संस्कृति का भान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ गुजरात में हमारे भाईयों को दौड़ा – दौड़ा कर मारा जा रहा वहीं शहर के प्रबुद्ध जन डांडिया को लेकर लहालोट हो रहे हैं। वैभव ने कहा कि हम-सभी भारत सरकार से मांग करते हैं कि हमारे भाईयों के साथ भेद-भाव करने वालों को दंडित करें एवं आजीविका के लिए गये प्रवासियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें। विरोध प्रदर्शन में विरोध करने वाले में वैभव रॉय, सुमित झा, अमन कश्यप, उत्तम शाही, गोविंद कुमार, शान राजपूत, प्रिंस सिंह, संदीप बर्णवाल, शानू झा, विशाल कुमार, शाहिल कुमार, रमेश सिंह,रूपक सिंह, कुणाल राय, संजीव रॉय, कन्हैया शर्मा, लालमणि यादव, उज्जवल झा, इशांत चौधरी, निशांत मिश्रा, सन्नी कुमार, मोहित परासर, दिलीप यादव, सौरव सिंह, केशव कृष्णा समेत सैकड़ो युवा शामिल थे।