देवघर। देवघर के हृदय स्थली कहे जाने वाले टावर चौक के समीप गांधी वाचनालय अब इतिहास हो चुका है। जिला प्रशासन की उपस्थिति में नगर निगम के द्वारा जर्जर पड़े गांधी वाचनालय सह जिला कांग्रेस कार्यालय को जमींदोज कर दिया गया है। जर्जर पड़े कांग्रेस कार्यालय को ढ़हा दिये जाने के बाद राजनीति शुरू हो चुकी है। एक तरफ निगम कह रही है कि जर्जर पड़े गांधी वाचनालय को गिराना बेहद आवश्यक था वरना कभी भी अनहोनी की घटना घटन सकती थीं वहीं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुन्नम संजय का कहना है कि अदालत के आदेश के विरूद्ध जल्जबाजी में राजनीति से प्रेरित होकर उठाया गया कदम है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी पक्ष – विपक्ष में लगातार पोस्ट जारी किये जा रहे हैं। कोई इसे तानाशाही रवैया बता रहे हैं तो कोई जर्जर इमारत को तोड़े जाने पर प्रशासन को बधाई दे रहे हैं।
अदालती आदेश के बाद तोड़ा गया गांधी वाचनालय – सीईओ, देवघर नगर निगम
लगभग 50-60 वर्ष पहले बने गांधी वाचनालय जहां पर कांग्रेस कार्यालय भी था, को गिराने का आदेश माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिया गया था। शहर के बीचोंबीच जर्जर पड़े इस इमारत को गिराना बेहद जरूरी था, वरना कभी भी अनहोनी घट सकती थी, जानमाल की क्षति हो सकती थी। उन्होंने कहा कि इसे पीडब्लयू के द्वारा दिये गये रिपोर्ट में भी रेखांकित किया गया है। दुकानदारों के विरोध के बाद पुनः इस मामले पर विस्तृत अध्ययन के लिए मिश्रा कमेटी बनाई गई। मिश्रा कमेटी ने भी अपने रिपोर्ट में कहा है कि यह भवन काफी जर्जर है, कभी भी गिर सकता है। कमेटी की रिपोर्ट, अदालत के निर्देश एवं ट्रैफिक के प्वाइंट ऑफ व्यू को ध्यान में रखकर गांधी वाचनालय को गिराया गया है, नहीं गिराने से भविष्य में बड़ी दुर्घटना घट सकती है। इसे सावन के पहले ही गिराना था लेकिन दुकानदारों की रोजी – रोटी को देखते हुए निगम के द्वारा माह भर टाल दिया गया। देवघर समाचार से बातचीत में सीईओ ने कहा गांधी वाचनालय, बाबा मंदिर जाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मार्ग पर स्थित था। ट्रैफिक की काफी समस्या होती थी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के देवघर दौरे के समय भी गिराने की योजना थी लेकिन समय कम होने के कारण इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। यह मामला करीब एक साल से चल रहा है। दुकानदारों के पुनर्निवासन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि निगम आज भी उन्हें दुकान देने के बयान पर कायम है, निगम के पास जब स्थान खाली होगी तो उन्हें दुकान आवंटित किया जायेगा। सीईओ से अदालती आदेश की कॉपी मांगे जाने पर उन्होंने तुरंत उपलब्ध करा पाने में असमर्थता जतायी।
राजनीतिक दबाव में तोड़ा गया गांधी वाचनालय : मुन्नम संजय
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुन्नम संजय ने अपने एक वक्तव्य में कहा है कि गांधी वाचनालय को राजनीतिक दबाव में तोड़ा गया है। यह मामला अभी अदालत में है, इस पर आगामी 25 सिंतबर को सुनवाई होनी है, इसके बावजूद वाचनालय को तोड़ा जाना गैरकानूनी है। जिस आदेश को बताकर प्रशासन के द्वारा ऐतिहासिक गांधी वाचनालय को तोड़ा गया वह मार्च का ही है, जबकि इसके बाद अदालत द्वारा और दो आदेश दिये गये हैं। वाचनालय को तोड़ने की भनक मिलते ही हमलोग मंगलवार को अदालत गये, अदालत के द्वारा हमलोग को कोर्ट ऑफ कंडेम्पट दर्ज का निर्देश दिया गया, इसके लिए जरूरी कागजात तैयार किये जा चुके हैं। बुधवार को कांग्रेस के द्वारा अदालत में नियम सम्मत आपत्ती दर्ज करवाई जायेगी। इसके अलावा प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर इस कृत्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। श्री मुन्नम ने अपने बातचीत में कहा कि फेसबुक पर स्थानीय सांसद डॉ. निशिकांत के द्वारा वाचनालय के तोड़े जाने के बाद कांग्रेस मुक्त देवघर की पोस्ट की गई, जो बेहद निंदनीय है। कांग्रेस मुक्त देवघर होगी या नहीं इसका फैसला आने वाले समय में जनता करेगी।
गांधी वाचनालय को तोड़ा जाना, समझ से परे : कृष्णानंद झा
गांधी वाचनालय काफी पुराना है, इसे देवघर नगरपालिका के द्वारा तत्कालीन डीसीपी प्रेसिंडेंट नथमल सिंहानिया को लीज पर दिया गया था। सिंहानिया जी के द्वारा स्थानीय जनता के द्वारा जनता के सहयोग से वाचनालय हेतु भवन का निर्माण करवाया गया, जहां पर कांग्रेस का कार्यालय का कार्य भी होता था। गांधी वाचनालय के ठीक ऊपर प्रेस क्लब का ऑफिस भी था जिसे विधायक मद से निर्माण करवाया गया था। यह मामला अदालत में विचाराधीन है, देवघर प्रशासन के द्वारा जर्जर भवन होने का हवाला देकर अदालत से तोड़ने के आदेश देने संदर्भ में अदालत ने प्रशासन से गांधी वाचनालय, कार्यालय समेत दुकानदारों के लिए स्थान देने के बारे में पूछी थी। मामला अभी भी लंबित है, बावजूद इसके ऐतिहासिक गांधी वाचनालय को तोड़ा जाना समझ से परे है। ये बातें पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कृष्णानंद झा ने देवघर समाचार से बातचीत के दौरान कहीं।
गांधी वाचनालय पर था कांग्रेस का अवैध कब्जा : दिवाकर गुप्ता
भाजपा जिला अध्यक्ष दिवाकर गुप्ता ने ने कहा कि गांधी वाचनालय पर कांग्रेसियों के द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर कार्यालय चलाया जा रहा था। एवं वह भवन काफी जर्जर हो चुका था। प्रशासन के द्वारा जर्जर भवन का तोड़ा स्वागतयोग्य कदम है। अगर समय रहते इस भवन को नहीं तोड़ा जाता तो भविष्य में बड़ी घटना घट सकती थी। कांग्रेस के द्वारा लगाये के आरोप के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम ही आरोप लगाना है। वाचनालाय को तोड़े जाने में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। इसे निगम के द्वारा अदालत के आदेश के बाद तोड़ा गया है, इसे राजनीतिक विवाद विवाद नहीं बनाना चाहिए।