कुछ दिनों पहले देवघर जिले को शौचालय मुक्त यानि ओडीएफ घोषित कर दिया गया है लेकिन अभी तक कई जगहों पर शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं है. जिसका खुलासा मेदनीडीह पंचायत में भौतिक सत्यापन के लिए पहुंची टीम को निराशा हाथ लगने के बाद हुई है. सत्यापन में पहुंची टीम को शौचालय बना हुआ नहीं मिला है,जबकि जल एवं स्वच्छता समिति को छह माह पहले ही शौचालय निर्माण की राशि दिया जा चुका है. जानकारी के मुताबिक इस राशि की निकासी तीन माह पहले हो चुकी है. लेकिन अभी तक शौचालय का निर्माण कार्य नहीं हुआ है. हांलाकि टीम द्वारा पंचायत के सभी जलसहिया को बुलाकर बैठक किया गया और निर्देश दिया गया कि सात दिनों के भीतर शौचालय निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब शौचालय बना ही नहीं तो देवघर जिले को ओडीएफ कैसे घोषित किया गया. क्या अधिकारी कागजी खानापूर्ति करके जिले को शौचालय मुक्त घोषित करवा दिया है. अभी तो केवल एक मामला सामने आया है, पड़ताल करने पर ऐसे सैंकड़ो मामले सामने आने की संभावना है. स्थानीय लोगों की मानें तो अभी भी ज्यादातर लोग खुले में शौच जा रहे हैं. अगर यह सच है तो सरकार के दावे की भद्द पिटनी तय है. बिना भौतिक सत्यापन किये अधिकारियों द्वारा जिले को ओडीएफ घोषित करना कहीं जल्दबाजी तो नहीं.