“अल्टरेशन द चेन्ज” उपन्यास की शुरूआत गांव में पढ़ रहे एक युवक की प्रांरभिक शिक्षा से होती है, जो शहर जाकर अपने सपनों को पंख देना चाहता है, ताकि वे सफलता की लंबी उड़ान भर सके। इस दौरान सपनों की पंख लगाने आये युवक को एक लड़की से प्यार हो जाता है। प्यार की रोमांच और जिंदगी की संघर्ष के बीच झूलते इस युवा की कहानी आपको भी प्रेरित कर सकती है।
नोबेल में लेखक ने शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करते हुए युवाओं की दुखती रगो को छूने का प्रयास किया है, उपान्यास में उन्होंने यूपीएससी के सपनों में जीने वाले युवाओं को भारत की बदहाल शिक्षा व्यवस्था किस कदर चपरासी बनने के लायक भी नहीं छोड़ती है, को दर्शाया है। पाखंड पर चोट करते हुए उपन्यास के नायक कभी समाज में बदलाव लाने का कोशिश करता है तो कभी प्यार की हसीन भंवर में गोता लगाने का….उपन्यास के लेखक कुमोद कुमार बताते हैं कि इस उपन्यास को लिखने के पीछे उद्देश्य छुपा हुआ है। कुमोद कुमार की मानें तो वे इस उपन्यास के माध्यम से भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार, सामाजिक समानता एवं विधवा विवाह को प्रोत्साहन देने के पक्ष में हैं। लेखक बिहार राज्य के जमुई जिले के अंतरगर्त पड़ने वाले सुदूर देहात कहरडीह से ताल्लुक रखते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा यहीं से हुई है। वे पेशे से अंग्रेजी साहित्य के शिक्षक है। कुमोद कुमार वर्तमान में भगवान शिव के बारह ज्योतिरलिंग में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर(झारखंड) में रहकर शिक्षा देने का काम कर रहे हैं।
“अल्टरेशन द चेंज” लेखक की पहली उपन्यास है, जो चेन्नई के नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई है। इन्होंने लेखन की शुरूआत 2016 से की है। इस उपन्यास को आप अमेजन के माध्यम से ऑनलाइन मंगा सकते हैं। इनकी दूसरी रचनाएं – गिलम्पस(glimps) कहानी संकलन। फ्लेवर एंड फ्रांग्रेस (कविता संग्रह) डोमेस्टिक डिस्ब्यूटस (उपन्यास) शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है।
उपन्यास का नाम – अल्टरेशन द चेन्ज(Alteration The Change)
लेखक – कुमोद कुमार
प्रकाशक – नोशन प्रेस चेन्नई(notion press)