संताल परगना का देवघर व जामताड़ा जिला में साइबर अपराध के शिकंजे में है। देशभर का कोई ऐसा राज्य नहीं होगा जहां कि पुलिस साइबर ठगों की तलाश में देवघर – जामताड़ा नहीं पहुंचा हो। साइबर ठगों की वजह से यहां की प्रतिष्ठा दिनोंदिन धुमिल हो रही है, लेकिन साइबर ठगों का दिन अब लदने वाला है। पहले देवघर व जामताड़ा में अलग साइबार थाना अब साइबर का मॉडर्न लैब बनने जा रही है। लैब में साइबर अपराधियों के मोबाइल व वॉयस रिकॉर्डिंग की एनालिसिस की जायेगी, ताकि उसे कोर्ट में भेज कर दोष सिद्ध कराया जा सके। इस बात की घोषणा डीजीपी डीके पांडेय ने की है। डीजीपी गुरुवार को समीक्षा बैठक के लिए देवघर आये थे। उन्होंने देवघर के सर्किट हाऊस में संताल के अधिकारियों के साथ प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद डीजीपी ने कहा कि राज्य में चल रहे नक्सलियों के खिलाफ अभियान को अधिक प्रभावी बनाने पर चर्चा की गयी। महिलाओं की सुरक्षा संबंधी अभियान पिंक पेट्रोलिंग समेत अन्य जो राज्य में चालू हैं, उसकी स्थिति की जानकारी ली गयी।
डीजीपी ने कहा कि देवघर व जामताड़ा जिले में साइबर थाने खुल चुके हैं, इन थानों के लिए अलग से साइबर डीएसपी भी है। साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अलग से काम भी चल रहे हैं। काफी संख्या में साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। देवघर में दो साइबर अपराधियों को सजा भी हो चुकी है। स्पीडी ट्रायल चल रहा है। साइबर अपराध के तरीके बदले हैं, आधार संख्या व इंटरनेट के जरिये अपराध हो रहा है। ऐसे में वाट्सअप, फेसबुक व ट्विटर जैसे सोशल साइटस के प्रयोग करने वाले लोग सावधानी बरतें।