बाबा बैद्यनाथ मंदिर, देवघर बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है, इस ज्योतिर्लिंग को मनोकामना लिंग भी कहा जाता है। यहां पर देश विदेश के श्रद्धालुओं का सालों भर तांता लगा रहता है। देवघर के श्रावणी मेला को विश्वप्रसिद्ध मेला माना जाता है। वेदाचार्यों के मुताबिक देवघर स्थित बैद्यनाथ मंदिर का उल्लेख शिवपुराण में किया गया है। देवघर के बाबा बैद्यनाथ का नाम बारह ज्योतिर्लिंग में न देखकर देवघर के तीर्थपुरोहित काफी गुस्से में हैं।
गौरतलब है कि हाल में संपन्न शैव महोत्सव (जो उज्जैन में आयोजित की गई थी), में देवघर के बाबा बैद्यनाथ की जगह परली के बाबा बैद्यनाथ को वास्तविक ज्योतिर्लिंग बताया गया था, जिसके बाद देवघर से शामिल होने गए अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा के उपाध्यक्ष दुर्लभ मिश्र क्रोधित हो गये और उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की।
तीर्थपुरोहित महासभा के उपाध्यक्ष दुर्लभ मिश्र एवं महामंत्री विनोद दत्त द्वारी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मध्य प्रदेश सरकार और उज्जैन मंदिर प्रबंधन को प्रमाणिकता के साथ सामने आने की चुनौती दी है। सूत्रों के मुताबिक तीर्थपुरोहित महासभा, चारों पीठ के शंकराचार्य से तथ्य और शास्त्र के आधार पर हस्तक्षेप करने के लिए आग्रह करने वाले हैं। महासभा के उपाध्यक्ष दुर्लभ मिश्र ने कहा कि इस पर सुधार करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार और उज्जैन मंदिर प्रबंधन को पत्र भेज कर कड़ा विरोध दर्ज कराया जायेगा। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ने पर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जायेगा।