वामपंथ के लिये भस्मासुर है – महिषासुर (आलेख – 5)

आलेख – 5 – बौद्धिक लफ्फाजियों वाला वामपंथ तथा मूल कथा वामपंथ के लिये महिषासुर क्यों भस्मासुर सिद्ध होगा इसे समझने के लिये फॉरवर्ड प्रेस की गढी हुई विवादित कहानी पर और उसके दावों की उपलब्ध ग्रंथ दुर्गा सप्तसती के प्रकाश में विवेचना करते हैं। सप्तसती मे दुर्गा-महिषासुर कथा का प्रारभ होता है जब महिषासुर…

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वामपंथ के लिये भस्मासुर है – महिषासुर (आलेख 4)

सुना है बडे पढे लिक्खे होते हैं वामपंथी। वे प्रगतिशीलता की ढाल के साथ देवी दुर्गा को वेश्या कहते हैं और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ध्वज फडर-फडर करता रहता है। हमने कब उनसे सवाल किया कि जहर के पीछे का साँप कौन है? फॉरवर्ड प्रेस पत्रिका तथा इसी प्रेस से प्रकाशित महिषासुर पर केंद्रित…

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वामपंथ के लिये भस्मासुर है –  महिषासुर

  आलेख  – 1  – हिंदू धर्म की नाभी और वामपंथ के वाण?  पंचतंत्र की रंगा सियार कहानी को लाल श्रेणी के तर्कशास्त्रियों के दृष्टिकोण से देखें तो कई ज्वलंत सवाल खुजा-खुजा कर पैदा किये जा सकते हैं।  उदाहरण के लिये पंचतंत्र की कहानी विष्णु शर्मा द्वारा कही गयी अत: यह ब्राम्हणवाद का सजीव उदाहरण…

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