भारतीय पुरा-वनस्पति विज्ञान के शिखर-पुरुष: प्रोफेसर बीरबल साहनी

करोड़ों वर्ष पूर्व पृथ्वी पर कई प्रकार की वनस्पतियां मौजूद थीं। लेकिन, उनमें से अधिकांश अब जीवाश्म (फॉसिल) बन चुकी हैं। उनके अवशेष समुद्री किनारों, पहाड़ की चट्टानों, कोयले की खानों आदि स्थानों से प्राप्त होते रहते हैं। इन अवशेषों से तत्कालीन समय की महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती हैं, जिससे तत्कालीन जलवायु एवं वातावरणीय ताने-बाने…

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