आधार लिंक: सुप्रीम कोर्ट का निश्चित समयसीमा बढ़ाने से इनकार

अगर आप अभी तक अपने बैंक खाते एवं मोबाइल फोन नंबरो को आधार से लिंक नहीं करा पाये हों तो खबराने की बात नहीं है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट नें मंगलवार को आधार को लिंक करवाने की समय सीमा 31 मार्च से अनिश्चितकाल तक बढ़ा दिया है. हालांकि कोर्ट ने योजनाओं का लाभ उठाने वालों को बायोमेट्रिक पहचान से जोड़ने की अनुमति दे दी.

मंगलवार कोव यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने अपना प्रजेंटेशन दिया और उन्होंने कहा कि बायोमेट्रिक समेत जमा किये हुए डेटा को डिकोड करने में वर्षों – वर्ष यानि सदियां लग जाएंगी. इसके बाद, सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं को आधार से जोड़ने की समय सीमा 31 मार्च से आगे बढ़ाने की अनुमति देने का अनुरोध किया.इस प्रजेन्टेशन में सीईओ ने दावा किया था कि सरकारी प्रणाली में आधार के सत्यापन की सफलता 88 फीसदी है. इसी तर्क के सहारे आधार योजना का विरोध कर रहे एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के वी विश्वनाथ ने कहा कि इसका मतलब तो यह हुआ कि 12 प्रतिशत लोग आधार से जुड़ी योजनाओं के लाभ से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह करीब14 करोड़ नागरिक इस लाभ से वंचित रहेंगे.

विश्वनाथ ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं की 31 मार्च की समय सीमा बढ़ाने के लिये भी अंतिरम आदेश की आवश्यकता है. अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इसका जोरदार विरोध करते हुये कहा कि किसी को भी इससे बाहर नहीं किया गया है. ऐसा एक भी मामला नहीं है जिसमें आधार नहीं होने के कारण किसी को इन लाभों से वंचित किया गया हो.

इस पर पीठ ने कहा, ‘हम इस समय कोई आदेश नहीं देंगे.’ पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अपना जवाब देते समय इस पहलू पर बहस कर सकते हैं. आधार और इससे संबंधित कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब तीन अप्रैल को सुनवाई होगी जब अटार्नी जनरल आगे बहस शुरू करेंगे.

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