सोनू सूद की राह पर मऊ का ब्रजेश, बगैर शोर शराबा के मजदूरों को पहुंचा रहे हैं उनके घर

मुंबई। विश्वव्यापी महामारी कोरोना के चलते मजदूरों की दुर्गति हो गई है। ना उनके पास राशन है ना रहने का इंतजाम। अभी भी उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बहुत से मजदूर घर वापसी के लिए मुम्बई से पैदल चल रहे हैं। ऐसे मजदूरों को उनके मंजिल कर पहुंचाने के लिए मऊ का रहने वाला एक शख्स ‘सोनू सूद’ बन गया है।
एक तरफ सोशल मीडिया पर मजदूरों को घर भेजने वाले अभिनेता सोनू सूद के चर्चे हैं तो दूसरी तरफ ये शख्स गुपचुप तरीके मजदूरों को उनकी चौखट तक पहुंचा रहा है।
उस शख्स का नाम है बृजेश आर्य। बृजेश मऊ जिले के घोसी कस्बे के रहने वाले हैं।
बृजेश ने अपनी संस्था पहचान और इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसाइटी के साथ मिलकर 6 बसों में यूपी और एमपी के 120 मजदूरों को रवाना किया। खास बात ये है कि बसों में सवार मजदूरों को मास्क दिया गया और सोशल डिस्टेंसिग भी ख्याल रखा गया। दिन रात लगातार सफर के बाद जब मजदूर मऊ पहुंचे तो उनको खुशी का ठिकाना नहीं रहा। भावुक हो गए। घर पहुंचने के बाद लोग कह रहे हैं…’मजदूरों की इतनी चिंता तो देवदूत ही कर सकते हैं,वो जीवन भर इस सफर को याद रखेंगे। मुम्बई से मऊ पहुंचने तक कोई दिक्कत न हो, इसके लिए बृजेश भैय्या ने बस में खाने पीने का पूरा इंतजाम किया’

बृजेश आर्य ने बताया- पिछले 3 दिनों से मुम्बई से यूपी के घोसी, मऊ, जौनपुर, प्रयागराज लखनऊ, फैजाबाद जबकि मध्यप्रदेश के रीवा, सतना, बैतूल के मजदूरों को पहुंचाया जा रहा है।आगे और भी मजदूरों को घर पहुंचाने की कोशिशें जारी रहेगी। आपदा में सेवा करने का अवसर मिला है। ये सौभाग्य की बात है।सेवा से सकारात्मकता का भाव आता है’।

आपको बता दें कि बृजेश एक दशक से मुम्बई में बेघरों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।काशीविद्यापीठ से पढ़ाई के बाद उन्होंने अपना जीवन गरीबों, मजदूरों और बेघरों की सेवा में समर्पित कर दिया। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले बृजेश मानवता के सच्चे पुजारी हैं।वो बड़े बड़े नामदारों के लिए नजीर बन गए हैं