![रा. स्व.संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ सतसंग आश्रम प्रमुख श्री श्री दादा](https://www.deogharsamachar.com/wp-content/uploads/2020/02/46500933_10217681380125718_5382816180601880576_n-1.jpg)
देवघर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर संघचालक सोमवार को देवघर गिरिडीह से सड़क मार्ग से देवघर पहुंचे। देवघर पहुंचने के बाद सबसे पहले वे सत्संग आश्रम पहुंचे। ठाकुर बंगला पहुंचने पर सत्संग आश्रम के मलय सरकार, आरएसएस देवघर के जिला संघचालक डॉ युगल किशोर चौधरी ने स्वागत किया। इसके बाद संघ प्रमुख श्री भागवत को सतसंग आश्रम के सहायक सचिव शिवानंद (राजू दा) ने आश्रम घुमाया। पहले श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद और ठाकुर मां की प्रतिमा को प्रणाम किया। इसके उपरांत सर संघचालक आचार्य देव अशोक चक्रवर्ती के पास पहुंचे, उनसे मिले और प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान बबाय दा व बोड़ो दा के दो अन्य बेटों ने सबका परिचय कराया। वे लगभग आधे घंटे तक सतसंग के अतिथि गृह (गेस्ट हाऊस) में रूके। वहां पर सतसंग आश्रम की ओर से श्री भागवत को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। संघ प्रमुख ने इस दौरान झारखंड प्रमुख, धनबाद प्रमुख, देवघर प्रमुख सहित झारखंड प्रांत के प्रमुख स्वयंसेवकों से श्रीश्री आचार्य देव को मिलवाया। इस दौरान उन्होंने उनके बेटों से भी सभी का परिचय कराया। जाते जाते संघ प्रमुख ने बांग्ला में कहा, आश्रमे निश्चेयी आसबो…
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया बाबा बैद्यनाथ का दर्शन
![दर्शन के पश्चात बाबा मंदिर के निकास द्वार से बाहर निकलते संघ प्रमुख मोहन भागवत](https://www.deogharsamachar.com/wp-content/uploads/2020/02/IMG-20200224-WA0016.jpg)
रा. स्व. संघ प्रमुख मोहन भागवत सत्संग आश्रम से 10.45 बजे निकले और सीधे बाबा मंदिर पहुंचे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में बाबा मंदिर का दर्शन शामिल नहीं था। सतसंग आश्रम से निकलने के बाद अचानक उनका प्रोग्राम बाबा मंदिर जाने का बना। बाबा बैद्यनाथ मंदिर में उन्होंने भगवान भोलेनाथ के मनोकामना ज्योतिर्लिंग का दर्शन किया। संघ प्रमुख के देवघर दौरे के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। एसडीओ विशाल सागर, एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव खुद व्यवस्था का मॉनिटरिंग कर रहे थे। हर रूट जिससे उनका काफिला गुजरता, सशस्त्र बलों की तैनाती की गयी थी। दरअसल मोहन भागवत रांची से बंगाल की ओर जा रहे थे उसी दौरान सड़क मार्ग से आने की वजह से रविवार रात्रि उन्होंने गिरिडीह में विश्राम किया। उसके बाद सोमवार सुबह वह सड़क मार्ग से देवघर पहुंचे थे।जेड श्रेणी की सिक्योरिटी में उनका काफिला देवघर से आसनसोल होते हुए दुर्गापुर के लिए रवाना हो गया।